2 हजार घरों में घुसा पानी, लोग टीन शेड के नीचे ठहरे; बाढ़ आश्रय स्थल में सन्नाटा

(एन.आई.टी. ब्यूरो) कानपुर

कानपुर के घाटमपुर में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर बह रहा है। ऐसे में तटवर्ती इलाकों महुआपुर, गढ़ाथा, अमीरतेपुर गांव में लगभग 2000 घरों में बाढ़ का पानी भर गया है। ग्रामीण घर छोड़कर गांव के किनारे रहने को मजबूर हैं। जबकि बाढ़ आश्रय स्थल में सन्नाटा पसरा दिखाई दिया। यहां पर गांव के मुख्य मार्ग पर यमुना नदी का पानी भर चुका था। यहां पर गांव के किनारे पर स्थित श्री कृष्ण मंदिर में कुछ महिलाएं खाना बना रही थीं। हालांकि उन्होंने पहले कैमरे के सामने कुछ बोलने से इनकार किया लेकिन बाद में तैयार हो गईं। सावित्री ने बताया- साहब हर बार हम लोग बाढ़ का दंश झेलते है। जब हमने उनसे बाढ़ आश्रय स्थल में जाकर रुकने को कहा तो बोली कि साहब वहां कोई सुनने वाला नहीं है। किसी ने उन्हें नहीं बताया कि कहां पर रुकना है। इसलिए उनके साथ पड़ोस में रहने वाले लगभग 5 परिवार भी मंदिर में शरण लिए हुए है।जहां बाढ़ आश्रय स्थल बनाया है। जहां पर बाढ़ प्रभावित लोगों के रुकने की सारी व्यवस्था की गई है। लेकिन बाढ़ आश्रय स्थल में सन्नाटा पसरा मिला है। यहां पर शाम लगभग चार बजे कोई भी कर्मचारी मौजूद नहीं मिला। कुछ पीएसी के लोग आश्रय स्थल के बाहर खड़े ट्रक में बैठे हुए थे।

2000 घरों में घुसा पानी, आधा दर्जन गांवों में बाढ़ का खतरा

यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से गढ़ाथा, महुआपुर, अमीरतेपुर गांव के लगभग 2 हजार घरों में यमुना नदी का पानी भर गया है। इन घरों में लोग जितना सामान बाहर निकाल पाए उतना ही सामान बचा पाए। जबकि बाकी सामान पानी में डूब गए। ग्रामीणों ने बताया- इससे लाखों रुपए का नुकसान हो गया है। अब हम लोग परिवार के साथ सुरक्षित स्थान की ओर जा रहे हैं।

एक स्टीमर के भरोसे बचाव कार्य

गढ़ाथा गांव में प्रशासन की ओर से एक स्टीमर चलाया जा रहा है, जिसमें चार लोग पीएसी के बैठकर चल रहे है। वह लोग सिर्फ तीन से चार लोगो को बैठाकर अंदर बाहर कर रहे है। जिससे आने जाने वाले लोगो को घंटों स्टीमर के आने का इंतजार करना पड़ रहा है। हालांकि इस साल सिर्फ एक नाविक ही नाव चला रहा है, जिसके चलते ग्रामीणों को आने जाने के लिए दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *