(एन.आई.टी. ब्यूरो) लखनऊ
लखनऊ: 22 जनवरी 2025 सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय विभाग भारत सरकार (ैडप्स्म्) योजना की उपयोजना ‘ कम्प्रैहेन्सिव रिहैबिलेशन ऑफ पर्सन्स इन्गैज्ड इन द एक्ट ऑफ बेगिंग’ हेतु जनपद लखनऊ में भिक्षावृत्ति से जीवन यापन करने वाले भिक्षुओं के समेकित पुनर्वास हेतु प्रतिष्ठित सामाजिक संस्थाओं /स्वयंसेवी संस्थाओं से कतिपय शर्तों के अधीन प्रस्ताव आमंत्रित किये गये हैं। संस्था का चयन गठित समिति द्वारा आर.एफ.पी. में अंकित दिशा-निर्देश/गाइडलाइन के अनुरूप नियमानुसार किया जायेगा।
यह जानकारी निदेशक समाज कल्याण विभाग, श्री कुमार प्रशांत ने दी। उन्होंने बताया कि सम्बन्धित संस्था को इस कार्य का पर्याप्त अनुभव (न्यूनतम दो वर्ष) होना चाहिये। न्यूनतम 250 भिक्षुकों को पुनर्वासित करने के आशय का साक्ष्य आवेदनकर्ता संस्था का अपने आवेदन पत्र के साथ संलग्न करना होगा। साथ ही सामाजिक संस्था/स्वयंसेवी संस्था को सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के अन्तर्गत रजिस्टर होना चाहिये। आवेदन करने वाली संस्था का पूर्व के दो वर्ष का औसत वार्षिक टर्नओवर 50 लाख रू0 होना चाहिए।
निदेशक, समाज कल्याण ने बताया कि आवेदन करने वाली संस्था को अपने प्रस्ताव के साथ 1.00 लाख रू0 की बैंक गारण्टी/एफ.डी.आर. जो कि निदेशक, समाज कल्याण, उ०प्र० लखनऊ के नाम होगी, बंधक के रूप में संलग्न करनी होगी। बैंक गारण्टी/एफ.डी.आर. न संलग्न करने की दशा में आवेदन स्वतः निरस्त माना जायेगा। सामाजिक संस्था/स्वयंसेवी संस्था की इस कार्य हेतु नियुक्त किये जाने वाले स्टाफ का सम्पूर्ण विवरण (शैक्षिक योग्यता/अनुभव इत्यादि) अपने प्रस्ताव के साथ देना होगा। उन्होंने बताया कि निदेशक, समाज कल्याण, उ०प्र० लखनऊ द्वारा समस्त प्रस्तावों को बिना सूचित किये अस्वीकृत करने का अधिकार होगा।
श्री कुमार प्रशांत ने बताया कि चयनित संस्था को आर.एफ.पी. में अंकित दिशा-निर्देश/गाइडलाइन के अनुसार कार्य करना होगा तथा कार्य के सापेक्ष भुगतान गाइडलाइन /आर.एफ.पी. के अनुसार बजट उपलब्ध होने पर नियमानुसार किया जायेगा। कार्य के संबंध में चयनित संस्था एवं नोडल अधिकारी के मध्य अनुबंध किया जायेगा। इस योजन के अन्तर्गत आवेदन करने की अन्तिम तिथि 03 फरवरी, 2025 होगी। निर्धारित अवधि के बाद प्राप्त आवेदन पत्र स्वीकार्य नहीं होंगे। आवेदन डाक से अथवा सीधे कार्यालय निदेशालय, समाज कल्याण, 3 प्राग, नरायण रोड, लखनऊ में जमा किये जा सकते हैं।