गोरखपुर विश्वविद्यालय में व्यापत अनियमितताओं और समस्याओं के निवारण के संदर्भ में कुलपति को दिया ज्ञापन।

(एन.आई.टी. ब्यूरो), गोरखपुर
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गोरखपुर विश्वविद्यालय इकाई के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय में व्याप्त घोर अनियमितता, परीक्षा परिणामों में व्याप्त त्रुटियों को अविलंब ठीक करने एवं बुनियादी समस्याओं के निवारण हेतु कुलपति को ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में प्रमुख रूप से गोरखपुर विश्वविद्यालय के समस्त शोधार्थियों को फेलोशिप प्रदान करने जिन्हें किसी प्रकार की अन्य फेलोशिप प्राप्त नहीं होती है, विश्वविद्यालय के सभी संकायों में पेयजल की व्यवस्था करने और कक्षाओं व बाथरूम के स्वच्छता की समुचित व्यवस्था करने, विश्वविद्यालय द्वारा नामित एजेंसी (परीक्षा से सम्बन्धित) के लापरवाही और आर्थिक शोषण के कारण अधिकतर विद्यार्थियों के अंकपत्र में नंबर तथा नाम में त्रुटि को अविलंब सही करने और दोषियों पर कारवाई करने, गोरखपुर विश्वविद्यालय के संबंधित महाविद्यालयों में नकल विहीन परीक्षा को सुनिश्चित किया करने, केंद्रीय पुस्तकालय में नई पुस्तकों को उपलब्ध कराने, कृषि संकाय में प्रयोगशाला की व्यवस्था करने, क्रीड़ा संकुल के छात्रों के लिए खेल के सामग्री उपलब्ध कराने, विश्वविद्यालय के समस्त कक्षाओं के अटेंडेंस में अनियमितता को दुरुस्त करने, विधि विभाग के सत्र 2021- 2024 के लगभग 150 विद्यार्थियों का 6th सेमेस्टर का 300 से अधिक अंकपत्र गलत छपकर विभाग में आ गया है, सभी अंक पत्रों में एनरोलमेंट नंबर गलत है जिससे इनका सत्र बर्बाद हो गया है, जिसे अविलंब सही करने जैसे विषयों पर समाधान हेतु ध्यान आकृष्ट किया।

प्रांत मंत्री श्री मयंक राय ने कहा कि विद्यार्थी परिषद ने निरंतर शैक्षिक संस्थानों में छात्र हितों से जुड़े समास्याओं के समाधान के साथ-साथ सामाजिक विषयों को भी प्रमुखता से उठाया है। परीक्षा एजेंसी के द्वारा विद्यार्थियों का आर्थिक शोषण शर्मनाक है, विश्वविद्यालय प्रशासन को परीक्षा और अंकपत्रों से संबंधित त्रुटियों का तत्काल निवारण करना चाहिए और संबंधित एजेंसी पर कारवाई करते हुए प्रतिबंधित करना चाहिए। विधि के अंतिम वर्ष के सैकड़ों विद्यार्थियों के अंकपत्र में एनरोलमेंट नंबर में गड़बड़ी भ्रष्टाचार को प्रदर्शित करता है, साथ ही 4 साल से कृषि संकाय के विद्यार्थियों के लिए प्रयोगशाला ना होना उनके शैक्षिक भविष्य के साथ धोखा है जिसपर विश्वविद्यालय प्रशासन को तत्काल निर्णय लेना चाहिए। राज्य विश्वविद्यालय कार्य संयोजक और रा०का०स० ऋषभ सिंह ने कहा कि परीक्षाओं में नकल विश्वविद्यालय प्रशासन के लापरवाही को प्रदर्शित करता है, सकारात्मक शैक्षिक वातावरण के ले संदेहास्पद है, जिसपर कठोर कार्रवाई की आवश्यकता है। विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष रमेश कुमार ने कहा कि नैक A++ रैंकिंग विश्वविद्यालय के विद्यार्थी आज बुनियादी सुविधाओं जैसे पेयजल, स्वच्छता और पुस्तकालय में पुस्तकों की कमी जैसे समस्याओं से जूझ रहे, जिसपर तत्काल समाधान की आवश्यकता है। ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से विश्वविद्यालय इकाई मंत्री निखिल राय, महानगर मंत्री शुभम गोविंद राव, पीयूष मिश्रा, अंशुमान दुबे, रोशन कुमार, दीपांशु त्रिपाठी, भानु प्रताप सिंह, आदित्य राज तिवारी, ऋषि प्रताप सिंह, बिपुल तिवारी, सात्विक जायसवाल, गौरव वर्मा आदि उपस्थित रहे।

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