(एन.आई.टी. ब्यूरो) लखनऊ
राज्य संग्रहालय, लखनऊ संस्कृति विभाग,उ0प्र0 द्वारा आज दिनांक 26 नवम्बर, 2024 को अपरान्ह 12 बजे एक दिवसीय व्यख्यान का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ0 देव प्रकाशशर्माए पूर्व निदेशकए भारत कला भवनए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय उपस्थित थे जिन्होंने अपना सारगर्भित व्याख्यान दिया।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व श्री विजय कुमारए पूर्व पुलिस महानिदेशकए उ0प्र0 उपस्थित थेए तथा इस कार्यक्रम की अध्यक्ष्ता डा0 सृष्टि धवन निदेशकए राज्य संग्रहालयए लखनऊ द्वारा की गयी। सर्वप्रथम अतिथियों का स्वागत डॉ0 मीनाक्षी खेमका एवं डॉ0 विनय कुमार सिंह द्वारा किया गया।
डॉ0 शर्मा ने बताया ताम्र अस्त्र भारत में ज्यादातर भारी संख्या में मिलते है जिससे आभास होता है इसका प्रयोग प्राचीन काल के युद्ध में हुआ था। इन अस्त्रों का महाभारत युद्ध में प्रयोग हुआ थाए तथा भारी संख्या में ताम्र अस्त्र का महाभारत कथा से सम्बन्धित स्थलों के उत्खलन से भारी संख्या में ताम्र अस्त्रों का ढेर प्राप्त हुआ। डॉ0 शर्मा ने गंगा के मैदानी क्षेत्रों में पाये गये ताम्र अस्त्रों के आकारए उनकी ऐतिहासिकताए ताम्र में अन्य धातुओ के मिश्रित अनुपात आदि पर विस्तार से व्याख्यायित किया। मुख्य अतिथि श्री विजय कुमार ने अपने वक्तव्य में उत्खनन से प्राप्त नयी खोजों पर प्रकाश डाला।
निदेशक द्वारा मुख्य वक्ता व मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह देकर धन्यवाद ज्ञापित किया एवं कार्यक्रम को सफल बनाने में निदेशकए डा0 सृष्टि धवन ;पी0सी0एस0,डॉ0 मीनाक्षी खेमकाए डॉ0 विनय कुमार, डॉ0 कृष्ण ओम सिंह,शारदा त्रिपाठी, धनन्जय कुमार राय, प्रमोद कुमार सिंह तथा इस कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले महाविद्यालय नवयुग कन्या महाविद्यालय, नारी शिक्षा निकेतन पी0जी0 कालेज, ए0पी0 सेन गर्ल्स डिग्री कालेज, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस राजकीय महाविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय, शकुन्तला मिश्रा पुर्नवास विश्वविद्यालय, अवध गर्ल्स डिग्री कालेज के अध्यापक एवं छात्र.छात्राओं के साथ ही कला तथा पुरातत्व प्रमियों नेप्रतिभाग किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 मीनाक्षी खेमका,सहायक निदेशक ने किया।
