हिंदुस्तान हस्तशिल्प महोत्सव के सांस्कृतिक संध्या पर भरतनाट्यम व भजन गीत से श्रोता हुए मंत्रमुग्ध

(एन.आई.टी. ब्यूरो) लखनऊ
आशियाना स्मृति उपवन में माँ गायत्री जन सेवा संस्थान एवं नीशू वेलफेयर फाउंडेशन के तत्वाधान में हिंदुस्तान हस्तशिल्प महोत्सव में वरिष्ठ कवि कुमार तरल और अशोक अज्ञानी अध्यक्ष अरुण प्रताप सिंह व गुंजन वर्मा, हेमू चौरसिया, रनवीर सिंह और विनय दुबे ने दीप प्रज्वलित कर सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ किया।सांस्कृतिक कार्यक्रम के मंच से शिव संस्कृति कला फाउंडेशन संस्थापिका मिठू रॉय सेक्रेटरी आशिम रॉय के संयोजन में मिठू रॉय गणेश वंदना कर आरम्भ किया। अर्धनारीश्वर प्रसंग भरतनाट्यम शुभम गौतम एवं ओ जी हरि कित गई नेहा लगाए…..अनीता दुबे के भजन गाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। सैंया मेरे लरकईयां…स्मृति मिश्रा ने लोकगीत की माला में पिरोया। राम जी से पूछे जनकपुर की नारी.. स्वरांजली ने भजन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया वहीं गिरिराज शर्मा ने कृष्ण भजन से दर्शकों का मन जीता। साहित्यिक संस्था अमृतायन का कवि सम्मेलन काशी राम सांस्कृतिक कार्यक्रम स्थल आशियाना मे संपन्न हुआ। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि कुमार तरल ने तथा संचालन शुभेन्द्र सिंह ने किया। कवि सम्मेलन का शुभारंभ डॉ सुमन सुरभि द्वारा मां सरस्वती की वन्दना से किया गया।कार्यक्रम को गति देते हुए दोहा कार मित्र विपुल, छंदकार शुभेन्द्र सिंह,गीतकार पुष्पेन्द्र प्रेमी,कवयित्री सौम्या तिवारी, कवयित्री सुमन सुरभि, वरिष्ठ कवि कुमार तरल,चर्चित गीतकार गोविन्द गजब, वरिष्ठ कवि अशोक पांडेय अनहद, युवा कवि ध्रुवल श्रीवास्तव, मनीष मगन ,सन्नी पटेल उन्नाव, शशि नारायण त्रिपाठी, दीपक यादव आदि ने सुन्दर सुन्दर रचनाएँ प्रस्तुत किया। मुख्य रूप से राष्ट्र प्रेम पर आधारित रचनाएँ प्रस्तुत की गई। अन्त में अमृतायन संस्थापक वअध्यक्ष डॉ अशोक अज्ञानी को अरुण प्रताप सिंह व हेमू चौरसिया कवियों को स्मृति चिन्ह और अंग वस्त्र से सम्मानित किए गए। इस दौरान मंच पर आयोजक समिति के मनोज सिंह चौहान, मोनालिसा, भारती सिंह, सरूपा तिवारी, अनन्या वर्मा और शिवम वर्मा उपस्थित रहे । मनीष पंडित और प्रदीप शुक्ला ने मंच का संचालन किया गया।

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