संगम पहुंचा जांच आयोग, घटना स्थल का किया भ्रमण; इन सबूतों से मिल सकेंगे साक्ष्य

(एन.आई.टी. ब्यूरो), प्रयागराज
मौनी अमावस्या पर कुंभ में हुई भगदड़ की जांच करने के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग शुक्रवार की दोपहर महाकुंभ मेला परिसर में पहुंच गया। महाकुम्भ में मौनी अमावस्या स्नान पर हुए हादसे की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग ने अपनी कार्यवाही तेज कर दी है। आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति हर्ष कुमार ने शुक्रवार को प्रयागराज में अधिकारियों के साथ पहली बैठक की। बैठक के बाद आयोग ने संगम नोज के निकट घटनास्थल का निरीक्षण भी किया। जांच आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति हर्ष कुमार ने कहा कि घटनास्थल की टोपोग्राफी और परिस्थितियों का अध्ययन किया जा रहा है। सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों का गहराई से विश्लेषण किया जाएगा। बता दें कि प्रयागराज महाकुम्भ में मौनी अमावस्या के मौके पर स्नान के लिए उमड़ी भीड़ में भगदड़ की स्थिति बन गई, जिसमें 30 लोगों की मौत हो गई थी और 60 अन्य घायल हो गए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति हर्ष कुमार की अध्यक्षता वाले इस आयोग में सेवानिवृत्त आईएएस अफसर डी. के. सिंह और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी वी. के. गुप्ता भी शामिल हैं।

आयोग को अपने गठन के एक महीने के अंदर मामले की जांच रिपोर्ट देनी होगी। इस सिलसिले में जारी अधिसूचना के मुताबिक आयोग भगदड़ के कारणों और परिस्थितियों की जांच करेगा। साथ ही भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के सिलसिले में सुझाव भी देगा।आयोग ने अधिकारियों से हादसे की परिस्थितियों और इलाके की भौगोलिक स्थिति पर विस्तृत जानकारी ली। न्यायमूर्ति हर्ष कुमार ने बताया कि यह आकस्मिक दुर्घटना थी लेकिन इसके पीछे के कारणों को सिलसिलेवार तरीके से समझने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर निरीक्षण पूरा कर लिया गया है, लेकिन अगर दोबारा जांच की जरूरत पड़ी तो टीम फिर आएगी। आयोग के सदस्य, सेवानिवृत्त आईएएस डीके सिंह और सेवानिवृत्त आईपीएस वीके गुप्ता ने भी जांच में तेजी लाने की बात कही है। आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि हमारे पास केवल एक महीने का समय है, लेकिन जांच को प्राथमिकता के साथ तेजी से पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि जांच प्रक्रिया से महाकुम्भ में कोई व्यवधान न हो, इसका ध्यान रखा जाएगा। आयोग सभी तथ्यों का गहन विश्लेषण कर किसी ठोस निष्कर्ष पर पहुंचेगा।आयोग ने अस्पताल जाकर घायलों से भी बातचीत करने की योजना बनाई है। न्यायमूर्ति हर्ष कुमार ने कहा कि घायलों से मिली जानकारी जांच को सही दिशा देने में मदद करेगी। किसी एक पहलू पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय सभी संभावित कारणों पर विचार किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इससे पहले, आयोग के तीनों सदस्यों ने गुरुवार को लखनऊ के जनपथ स्थित अपने कार्यालय में पहुंचकर कामकाज की शुरुआत की थी। आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) हर्ष कुमार ने बताया था कि जांच को प्राथमिकता के आधार पर लिया जाना है इसलिए हमने घोषणा के कुछ ही घंटों के भीतर कार्यभार संभाल लिया है।”

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