(एन.आई.टी. ब्यूरो) लखनऊ
लखनऊ: प्राजनीतिक व सामाजिक संगठनों के नेताओं ने महाकुंभ में शहीद हुवे लोगों को मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर मुर्तजा अली (अध्यक्ष शराब बंदी संघर्ष समिति), पीसी कुरील (संयोजक राष्ट्रीय भाग्य आंदोलन), हाजी मुहम्मद फहीम सिद्दीकी (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इंडियन नेशनल लीग), इरशाद अहमद सिद्दीकी (प्रदेश अध्यक्ष ईसार फाउंडेशन), सईद सिद्दीकी, जियाउल्लाह सिद्दीकी (अध्यक्ष सादरा एजुकेशनल ट्रस्ट), मौलाना अली हुसैन कुमी (सचिव इमामिया एजुकेशनल ट्रस्ट), चौधरी शादाब कुरैशी (महासचिव ऑल इंडिया जमीयत अल-कुरैश उत्तर प्रदेश), उस्मान अंसारी (राष्ट्रीय अध्यक्ष कौमी मजलिस इत्तेहाद), सैयद फैजी (प्रदेश अध्यक्ष कौमी मजलिस इत्तेहाद), शमीम वारसी, बहन जाहिदा, शहज़ादे मंसूर, खालिद इस्लाम, सैयद जलालुद्दीन, बहन हलीमा, सफवान कुरैशी, डॉ. आफताब अहमद, मुहम्मद मक्की एडवोकेट, रिजवान कुरैशी, आलम सिद्दीकी, सौरभ श्रीवास्तव, नरेंद्र यादव, अब्दुल सईद कुरैशी, मुहम्मद सलीम, मुहम्मद अनस, मुहम्मद आरिफ मंसूरी, शाह नज़र कुरैशी, मुहम्मद अदनान कुरैशी, फैजुद्दीन सिद्दीकी आदि ने राष्ट्रीय सामाजिक कार्य कर्ता संगठन के संयोजक मुहम्मद आफाक के साथ मिलकर सरकार से पीड़ितों की मदद के लिए तत्काल कदम उठाने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह घटना शाशन और प्रशासन के कुछ काम्यों की वजह से हुवी जिसका उन्हें भी अंदाज़ा न था। तीर्थयात्रियों में अत्यधिक भीड़ होने के कारण ऐसा हुआ। सरकार को इस घटना से सीख लेते हुए तीर्थयात्रियों के लिए आवास, भोजन व अन्य सुविधाओं का अतिरिक्त प्रबंध करना चाहिए। मैं प्रार्थना करता हूँ कि घायल लोग जल्द स्वस्थ हों तथा सरकार मृतकों के परिवारों को यथाशीघ्र सहायता प्रदान करे, ईश्वर उन्हें शक्ति प्रदान करे और ईश्वर सब्र अता फरमाए। शराबबंदी संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुर्तजा अली ने कहा कि 4 साल पहले कोरोना के रूप में फैली महामारी में भी मुसलमानों ने अपने दिल के दरवाजे खोलकर पीड़ितों की खाने से लेकर अंतिम विदाई तक मदद की थी मैं कुंभ मेले के आसपास रहने वाले मुसलमानों के प्रति बेहद खुश और आभारी हूं, जिन्होंने कुंभ श्रद्धालुओं के लिए अपने पूजा स्थलों, मठों, दरगाहों और मदरसों के दरवाजे बिना किसी भेद भाव के खोल दिए हैं। जो हर भारतियों का कर्तव्य होना चाहिए बखूबी निभाया जा रहा है और हमेशा निभाया जाएगा, चाहे कोई हमें कितना भी बांटने की कोशिश करे। अंत में सभी ने संकल्प लिया कि हम सभी दल और संगठन, चाहे किसी भी धर्म के हों, देश की खुशहाली और देश के विकास के लिए काम करते रहेंगे।
