सरदार पटेल की 150वीं जयंती वर्ष में बुद्धिजीवीओं ने रखी माँग
शहर में एक मुख्य मार्ग एवं पार्क का नाम सरदार पटेल के नाम पर रखा जायें : बौद्धिक विचार मंच
यूपी प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकारवार्ता में बौद्धिक विचार मंच ने कई मांगों को लेकर उठाई आवाज़
(एन.आई.टी. ब्यूरो) लखनऊ
लखनऊ। सरदार पटेल बौद्धिक विचार मंच के बैनर तले सरदार पटेल की 150वीं जयंती वर्ष में विभिन्न माँगो को लेकर बुद्धिजीवी वर्ग शनिवार को यू पी प्रेस क्लब में एकत्रित हुआ। तमाम माँगो के साथ दिल्ली में बने सरदार पटेल अन्तर्राष्ट्रीय शोध संस्थान का मुद्दा उठाया गया। मंच के महामंत्री जगदीश शरण गंगवार ने मांग करते हुये कहा कि देश के प्रत्येक जिला मुख्यालय के शहर में एक मुख्य मार्ग एवं एक मुख्य पार्क का नाम सरदार पटेल के नाम पर रखा जायें। इसके अतिरिक्त शिक्षा संस्थान/सामाजिक संस्थान भी सरदार पटेल के नाम पर रखे जाये। वार्ता के दौरान डा० क्षेत्रपाल गंगवार, अध्यक्ष, सरदार पटेल बौद्धिक विचार मंच, अरुण कुमार सिन्हा, पूर्व आई.ए.एस. एवं संस्थापक संरक्षक, रवीन्द्र सिंह गंगवार, बी. आर. वर्मा, आर.एल. निरंजन, मुनीश गंगवार एवं योगेन्द्र सचान ने भी अपने विचार व्यक्त किये। मंच के महामंत्री ने बताया कि यह मंच सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति, सेवानिवृत्त कुलपति, उच्च प्रशासनिक/पुलिस / सेना के अधिकारियों, प्रोफेसर, वैज्ञानिक, अभियन्ताओं, शिक्षकों, चिकित्सकों, अधिवक्ताओं, व्यवसायिओं एवं समाज सेवियों का एक गैर राजनैतिक, सामाजिक संगठन है जो समाज की भावनाओं एवं समस्याओं से समय-समय पर सरकार एवं निर्णयकर्ताओं का ध्यान आकर्षित कराता रहता है एवं उनके क्रियान्वयन हेतु प्रयास करता है। यह बौद्धिक विचार मंच सरदार पटेल के आदर्शों/विचारधाराओं को आगे बढ़ाने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कुर्मी समाज की जनसंख्या 12 प्रतिशत से अधिक है और पिछले लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में एक अच्छी संख्या में जनप्रतिनिधि चुनकर आये हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से सरदार बल्लभ भाई पटेल का जन्म दिन प्रत्येक वर्ष ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इसी क्रम में 31 अक्टूबर 24 को भारतरत्न सरदार बल्लभ भाई पटेल का 150वां जयंती समारोह पूरे भारत में मनाया गया। चूंकि यह 150वां जयन्ती वर्ष चल रहा है तो सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए मंच की अवधारणा है कि- इस वर्ष सरदार पटेल के नाम पर दिल्ली में एक अन्तर्राष्ट्रीय शोध संस्थान की स्थापना की जाये क्योंकि सरदार पटेल के ‘दर्शन’ पर विशेष अध्ययन आवश्यक है। प्रत्येक जिले में पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं के रहने के लिए सरदार पटेल के नाम से एक छात्रावास का निर्माण कराया जाये, जिससे आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के छात्र/छात्राओं को रियायती दर पर रहने का स्थान मिल सके। उन्होंने कहा कि बौद्धिक मंच उक्त के अतिरिक्त कुछ बिंदुओं को पहले भी विभिन्न प्रेस वार्ताओं के माध्यम से सरकार को अवगत कराता रहा है। इन सभी विन्दुओं पर पुनः सरकार का ध्यान आकर्षित कराना चाहेगा। उत्तर प्रदेश में लगभग 35 विश्वविद्यालय है, परन्तु समाज का एक भी कुलपति नियुक्त नहीं किया गया है। अतः आबादी के आधार पर कुलपति नियुक्त किये जायें। गत 11 वर्ष में केंद्र सरकार में समाज का आज तक कोई कैबिनेट मंत्री नियुक्त नहीं किया गया है। जबकि माननीय श्री एच.डी. देवगौड़ा सरकार एवं कांग्रेस सरकार में श्री बेनी प्रसाद वर्मा कैबिनेट मंत्री रहे हैं। उत्तर प्रदेश में समाज के विधायकों की संख्या के आधार पर मंत्री बनाये जायें। उत्तर प्रदेश में समाज के विधायकों की संख्या के आधार पर राज्यसभा एवं विधान परिषद् में प्रतिनिधित्व मिले ।माननीय राज्यपाल द्वारा नामित सदस्यों में भी समाज को प्रतिनिधित्व मिले । उत्तर प्रदेश के चयन आयोगों में से कुछ में समाज के अध्यक्ष एवं प्रत्येक में एक से दो सदस्यों की नियुक्ति की जाये। उत्तर प्रदेश की भर्ती एवं वैधानिक संस्थाओं में समाज के लोगों को प्रतिनिधित्व मिले । ग्रुप सी की भांति ग्रुप बी की चयन प्रक्रिया में साक्षात्कार को समाप्त किया जाये। वर्ष 2020 से प्रतीक्षित क्रीमी लेयर की आय सीमा को बढ़ाकर 15 लाख रुपए किया जायें।
अंत में यह भी अवगत कराया गया कि सरदार पटेल बौद्धिक विचार मंच मार्च, 2025 में राजधानी दिल्ली में एक सामाजिक सम्मेलन आयोजित कर रहा है जिसमें समाज के 103 लोकसभा सांसदों एवं 19 राज्यसभा सांसदों के अतिरिक्त पूरे देश से जन प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जायेगा। इसमें सरदार बल्लभ भाई पटेल के आदर्शों, विचारों तथा उनके द्वारा देश की एकता के लिए किये कार्यों पर चर्चा के साथ समाज की वर्तमान स्थिति एवं भविष्य की रणनीति पर भी चर्चा होगी।