गुजरात हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस और वकील के बीच तीखी नोकझोंक

(एन.आई.टी. ब्यूरो)
अहमदाबाद। गुजरात हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और हाईकोर्ट वकील संघ के अध्यक्ष बृजेश जे त्रिवेदी के बीच तीखी नोकझोंक हुई। इस दौरान एक पीआईएल पर सुनवाई हो रही थी। वकील बृजेश त्रिवेदी ने मुख्य न्यायाधीश के कोर्ट में व्यवहार की आलोचना करते हुए कहा कि वह वकीलों, विशेषकर सीनियर वकीलों को उनके तर्क समाप्त करने का मौका नहीं देती हैं। त्रिवेदी ने यहां तक कहा कि वह इस स्थिति को सहन कर रहे हैं, लेकिन यह बार-बार हो रहा है और यह उचित नहीं है।
वकील बृजेश त्रिवेदी ने कहा कि यह बार-बार उल्टा हो रहा है। कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता इसे सहन करने के लिए दयालु रहे हैं। मैंने 2023 में लॉर्ड फ्रांसिस बेकन का एक अच्छा उदाहरण इस्तेमाल किया था। मैं इसे दोहराना नहीं चाहता। मुझे उम्मीद है कि आपकी महारानी को यह याद होगा। मैं कोई जज नहीं हूं, यह एक अतिशयोक्तिपूर्ण न्यायाधीश के बारे में है।
बता दें कि मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति प्रणव त्रिवेदी की पीठ एक सार्वजनिक हित याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जो अवैध निर्माणों को लेकर दायर की गई थी। वकील त्रिवेदी इस मामले का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। मुख्य न्यायाधीश ने वकील त्रिवेदी से कहा कि कृपया मुझे अपना बयान पूरा करने दीजिए। मैंने आपसे कुछ पूछा था, लेकिन आपने मेरा सवाल पूरा नहीं होने दिया। इसके बाद त्रिवेदी ने उत्तर दिया कि कोई समस्या नहीं। आप सम्मानजनक सवाल पूछ सकती हैं। जब मामला बढ़ा और त्रिवेदी ने कोर्ट से मामले को अन्य पीठ में भेजने की मांग कर दी तो मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि कोर्ट में इस प्रकार का व्यवहार नहीं होना चाहिए।
इसके बाद त्रिवेदी ने कहा कि वह मामले की सुनवाई के लिए दो सप्ताह का समय चाहते हैं, जिस पर मुख्य न्यायाधीश ने आपत्ति जताई। इस बीच जब एक दूसरे वकील ने त्रिवेदी को शांत करने की कोशिश की तो त्रिवेदी ने कहा कि यह वह तरीका नहीं है जिस प्रकार उच्च न्यायालय को मामलों की सुनवाई करनी चाहिए। उन्होंने कोर्ट से मामले को स्थगित करने की अपील की और कहा कि यह कोर्ट की ओर से उचित व्यवहार नहीं था। जब मामला और बढ़ा और त्रिवेदी ने मुख्य न्यायाधीश पर ओवरस्पीकिंग जज होने का आरोप लगाया। उन्होंने कोर्ट छोड़ने का फैसला लिया।

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