आर.डी.एस.ओ. में हिंदी पखवाड़ा-2025 के समापन एवं पुरस्कार-वितरण समारोह का आयोजन

(एन.आई.टी. ब्यूरो) govind kumar लखनऊ
आरडीएसओ में दिनांक 14.09.2025 से 26.09.2025 तक हिंदी पखवाड़ा-2025 का आयोजन किया गया। गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार, हिंदी पखवाड़े का शुभारंभ दिनांक 14.09.2025 एवं 15.09.2025 को महात्मा मंदिर कन्वेंशन एवं एग्जिबिशन सेंटर, गांधी नगर गुजरात में आयोजित दो-दिवसीय कार्यक्रम अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन से किया गया।

दिनांक 26.09.2025 को आयोजित किये गए समापन एवं पुरस्कार-वितरण समारोह में श्री डी. बी. सिंह, अपर महानिदेशक, आरडीएसओ ने राजभाषा विभाग द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता एवं राजभाषा में प्रशंसनीय कार्य करने वाले 73 कार्मिकों को पुरस्कार वितरित किए । ‘सामूहिक पुरस्कार योजना’ के अंतर्गत वर्ष के दौरान सर्वाधिक कार्य राजभाषा में करने में भंडार निदेशालय ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया, विद्युत निदेशालय को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ तथा यातायात एवं मनो-तकनीकी निदेशालय ने तृतीय स्थान प्राप्त किया । हिंदी पखवाड़े के दौरान राजभाषा प्रदर्शनी में संगठन के निदेशालयों ने अपने-अपने स्टॉल लगाये, जिनमें राजभाषा में किए गए कार्यों को प्रदर्शित किया गया। इस प्रदर्शनी में संगठन के विभिन्न निदेशालयों ने भाग लिया तथा मूल्यांकन के आधार पर भू-तकनीकी निदेशालय को प्रथम, परीक्षण निदेशालय को द्वितीय तथा वित्त एवं लेखा निदेशालय को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।

पुरस्कार-वितरण समारोह में कु. प्रियंका भास्कर द्वारा वाणी-वंदना, श्री विनीत द्विवेदी, कार्यकारी निदेशक/वित्त, आरडीएसओ, कवयित्री शिखा श्रीवास्तव एवं कवि मुकुल महान जी द्वारा काव्य-पाठ किया गया। नटराज नाट्य-दल द्वारा मुंशी प्रेमचंद जी की कहानी ‘बूढ़ी काकी’ का नाट्य रूपांतरण तथा लोक-नाट्य दल, पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा जयशंकर प्रसाद जी की कहानी एवं नीरज जी की कविताओं के संपादित अंश पर आधारित नाटक ‘पुर्ज़ा-पुर्ज़ा कट मरे’ का नाट्य-मंचन किया गया। इस अवसर पर उपस्थित कार्मिकों को संबोधित करते हुए अपर महानिदेशक महोदय ने संगठन के सभी कार्मिकों से राजभाषा नियमों के अंतर्गत अधिकाधिक कार्य हिंदी में करने का आह्वान किया। पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य राजभाषा अधिकारी, श्री शमीम अहमद ने राजभाषा विभाग के शब्दार्थ प्रतियोगिता, राजभाषा-प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, तकनीकी-संगोष्ठी एवं साहित्यिक-संगोष्ठी जैसे अभिनव प्रयासों को रेखांकित करते हुए सभी को राजभाषा के प्रयोग हेतु प्रोत्साहित किया तथा कार्यक्रम के कुशल संचालन हेतु श्रीमती स्वर्णा अस्थाना की सराहना की।
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