(एन.आई.टी. ब्यूरो) लखनऊ
लखनऊ , 18 जनवरी 2025: रीजेंसी हेल्थ, लखनऊ के पीडियाट्रिक्स डिपार्टमेंट ने हरदोई के एक छोटे बच्चे में डिस्टल रीनल ट्यूबलर एसिडोसिस (DRTA) के एक दुर्लभ और गंभीर केस का सफलतापूर्वक इलाज़ किया है। आदित्य [बदला हुआ नाम] को पैरों के बायलेट्रल बोइंग (द्विपक्षीय झुकाव), ग्रोथ फेलियर और पॉलियूरिया के लक्षणों से पीड़ित होने के बाद इस बीमारी का डायग्नोसिस किया गया था। इलाज़ के बाद अब लक्षण बेहतर है और उसके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है।
लखनऊ के रीजेंसी हेल्थ की डॉ. नेहा अग्रवाल, कंसल्टेंट पीडियाट्रिक एंडोक्रिनोलॉजिस्ट ने कहा, “डिस्टल रीनल ट्यूबलर एसिडोसिस का अगर इलाज़ न किया जाए, तो यह बच्चे के विकास और वृद्धि को बाधित कर सकता है और रीनल फेलियर का कारण बन सकता है। लॉन्गटर्म कॉम्प्लिकेशन को रोकने और बेहतर परिणाम सुनिश्चित करने के लिए समय पर डायग्नोसिस और मैनेजमेंट जरूरी है। आदित्य ने रिजॉलव्ड एसिडोसिस और राहत के लक्षण के साथ महत्वपूर्ण सुधार प्रदर्शित किया है। ग्रोथ एसेसमेंट के साथ-साथ नियमित ब्लड गैस और इलेक्ट्रोलाइट मॉनिटरिंग उसके अच्छे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होगी।”
दो साल तक आदित्य का विटामिन डी की कमी के लिए इलाज किया गया। गौरतलब है कि विटामिन D की कमी से बच्चों में रिकेट्स और पैरों के मुड़ने की समस्या होती है। हालांकि, रीजेंसी हेल्थ में जांच से पता चला कि डीआरटीए इन लक्षणों का एक कम आम लेकिन महत्वपूर्ण कारण है, जिसे अक्सर जागरूकता की कमी के कारण अनदेखा कर दिया जाता है। इलाज़ में आजीवन अल्काली और पोटेशियम रिप्लेसमेंट थेरेपी शामिल थी, साथ ही नियमित निगरानी और बार-बार होने वाले हाइपोकैलिमिया को मैनेज करने के लिए एडजस्टमेंट भी किया जा रहा था, हाइपोकैलिमिया इस बीमारी का एक प्रचलित कॉम्प्लिकेशन है।
रीजेंसी हेल्थ रिकेट्स के दुर्लभ कारणों जैसे कि रीनल ट्यूबलर एसिडोसिस के डायग्नोसिस में जागरूकता के महत्व पर जोर देता है। जल्दी इलाज न केवल बच्चे के विकास परिणामों में सुधार करता है बल्कि नेफ्रोकैल्सीनोसिस या किडनी फेलियर जैसी गंभीर कॉम्प्लिकेशन को भी रोकता है। यह केस हेल्थ प्रोफेसनल के लिए एक महत्वपूर्ण रिमाइंडर के रूप में कार्य करता है कि जब सामान्य उपचार परिणाम दिखाने में विफल होते हैं तो दुर्लभ डायग्नोसिस पर विचार करें।
