मा. मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह ने चंदौली के बाढ़ संभावित क्षेत्रों का किया स्थलीय निरीक्षण

(एन.आई.टी. ब्यूरो), वाराणसी
लखनऊ : 06 जून, उत्तर प्रदेश सरकार के मा. सिंचाई एवं जल संसाधन, बाढ़ नियंत्रण, परती भूमि विकास, लघु सिंचाई, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह ने आज जनपद के गंगा नदी के तटीय क्षेत्रों में संभावित बाढ़ प्रभाव से निपटने हेतु चल रही तैयारियों एवं सुरक्षात्मक कार्यों का गहन स्थलीय निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान मा. मंत्री ने अधिकारियों से परियोजनाओं की वास्तविक प्रगति, कार्यस्थल की तकनीकी गुणवत्ता, और सामुदायिक प्रभाव से जुड़े विषयों की विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
मा. मंत्री ने ग्राम कुंडाकला (नियमताबाद) में चल रहे सुरक्षात्मक कार्यों की धीमी गति पर गंभीर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कार्यस्थल पर निरीक्षण के दौरान पाया कि पत्थरों के बीच में गैप रह गए हैं उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही या ढिलाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।यदि आगे उनके कार्य में प्रगति और गुणवत्ता में सुधार नहीं दिखा, तो संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।उन्होंने यह भी कहा कि यह कार्य केवल निर्माण नहीं बल्कि लोगों की जान-माल की सुरक्षा से जुड़ा है, अतः इसकी गंभीरता को समझा जाए।
ग्राम नरौली (धानापुर) में निरीक्षण के दौरान मा. मंत्री ने सुरक्षात्मक उपायों की स्थिति का जायजा लेते हुए सभी कार्यों को समय से पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बरसात पूर्व सभी सुरक्षा संबंधी संरचनाएं तैयार रहनी चाहिए ताकि बाढ़ के दौरान किसी भी स्थिति में लोगों को पलायन या जनहानि से बचाया जा सके। मंत्री जी ने गंगा नदी की स्वच्छता को प्राथमिकता देते हुए निर्देशित किया कि बस्तियों से निकलने वाला गंदा पानी किसी भी कीमत पर सीधे गंगा में प्रवाहित न हो। इसके लिए नालों का पुनर्निर्माण, जैविक उपचार और मलजल प्रबंधन प्रणाली को मजबूत किया जाए।
मा. मंत्री जी ने निरीक्षण के दौरान तालाबों के बारे में स्पष्ट निर्देश दिए कि जनपद के जिन तालाबों पर अवैध कब्जा या अतिक्रमण किया गया है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर चिन्हित कर कब्जामुक्त कराया जाए। उन्होंने कहा कि ये तालाब न केवल सिंचाई और भूजल रिचार्ज का साधन हैं, बल्कि स्थानीय पारिस्थितिकी का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि कब्जामुक्त किए गए तालाबों को पुनः गहरीकरण कराकर उन्हें वर्षाजल संचयन के लिए उपयोगी बनाया जाए।
मा. मंत्री ने कहा कि संभावित बाढ़ से निपटने के लिए सभी संबंधित विभागों को समन्वय के साथ कार्य करना होगा। उन्होंने निर्देश दिए कि राहत सामग्री, नाव, सर्च लाइट, मेडिकल किट, और सुरक्षित आश्रय स्थलों की पूर्व व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। बाढ़ से पहले गांवों में जनसंवाद व पूर्वाभ्यास (मॉक ड्रिल) कराए जाएं ताकि जनता को समय रहते सतर्क किया जा सके।
इस दौरान मा. विधायक रमेश जायसवाल, मा. विधायक सुशील सिंह, एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण सहित सिंचाई तथा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

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